subscribe: Posts | Comments

शेर और चूहा

2 comments

शेर  और चूहा

राजकुमार केसवानी

शेर और चूहा 1

 

शेर छींका तो

चूहे ने चिन्दी पेश कर दी

लीजिए हुज़ूर रुमाल लीजिए

 

शेर को फिर से छींक आ गई

 

चूहे ने फिर अपना रुमाल आगे बड़ा दिया

शेर बोला अब्बे ! बस भी कर

अब और कितना हंसाएगा.

सुना है शेर को आजकल बहुत भाता है चूहा

चूहा अपनी चिन्दी लेकर घूमता है

यहां-वहां, जहां-तहां, कहता-फिरता

शेर आजकल मेरे बिना छींकता तक नहीं है

 

शेर और चूहा 2

 

शेर ने चूहे से पूछा

बता, जंगल में ऐसा क्या है जो शहर में नहीं है

चूहा बोला सर! आप

वहां सब कुछ है

पर राजा नहीं है

 

राजा ने वज़ीर से पूछा वज़ीर! बताओ

हमारे राज में प्रजा सुखी तो है न

वज़ीर ने कहा सरकार ! सब सुखी हैं

आपने सबको इतनी छूट दे दी है कि

सब लोग अपने-अपने फैसले, अपनी सुविधा से

सड़क पर ही कर लेते हैं

 

 

 

शेर और चूहा 3

 

बिल्ली ने शेर का रास्ता काट लिया

चूहे ने कहा सर!

यह बिल्ली का सोचा-समझा षड़यंत्र है

 

अगले दिन बिल्ली का रास्ता –

मय बिल्ली के सर के कट गया

 

चूहे ने चूहों की काकटेल पार्टी आर्गेनाइज़ की

दे पैग पीने के बाद पूछा –

अब कितनी बिल्लियां बाकी हैं रे !

 

शेर और चूहा -4

 

शेर का फरमान है

कोई नहीं कहेगा

चूहे को चूहा

शेर का फरमान है

कोई नहीं कहेगा

हाथी को हाथी

 

शेर के सचिवालय में बैठा

चूहे का ससुर

नाराज़ था बहुत हाथी से

 

उसका आरोप था :

हाथी, चूहे के हिस्से का माल खा-खा कर

बन गया है हाथी

और उनका दामाद

रह गया है बस चूहे का चूहा

 

 

 

शेर और चूहा 5

 

शेर ने चूहे से पूछा

आजकल अखबारों में

मेरी तस्वीरें क्यों नहीं छप रहीं ?

 

चूहा बोला सर !

बहुत दिन से पत्रकारों को

पार्टी नहीं दी ?

 

Related Posts

  • No Related Posts
468 ad
  1. rafat alam says:

    बच्चों की कथा से हर अक्लदार को पानी कर देने वाले व्यंग लिखे और खूब लिखे ज़ेहन में एक टूटाफूटा ख्याल आया जो लिख रहा हूँ
    शेरचुहे की सुनी थी दादी माँ से कहानी
    वो याद धुंधली हुई वो बात हुई पुरानी
    जताक कथा से लगे मुझे तो ये किस्से
    क्या व्यंग कहे हैं वाह जी श्री केसवानी
    पांचो भाग आपने हिसाब से दिमाग पर असर छोड़ते हैं .खाकसार को २,३और ५वाँ बहुत पसंद आया.

  2. एक बार फिर आपका शुक्रिया रफत आलम साहब.

Leave a Reply